Results for HISTORY

चंपारण सत्याग्रह क्या है । champaran satyagrah kya hai

December 13, 2018
Champaran satyagrah 

Champaran ganga ke us himalay ki tarai me nepaal ke pass sthith bihar ke tirhut vibhag ka ek jila tha . aur motihari main city tha . angrejo ke samay yaha par ek TINKATHIYA padhati laagu thi jiske antargat kisano ko apni bhoomi ke 3/20 bhag par kheti karna aniwary tha .aur is shosan kari yojana ke birudh bhartiy lo sahmat na the .isliye we ab isse chhutkara pana chahte the .

kyu ki 20 sadi aate aate jarmani me kritim neel ka aviskar ho chuka tha jisse karan bhartiy neel ki antrastriy maang kam ho gai. falath yah ab neel kikheti ghate ka sauda rah gaya .

jisse kisan ab isase mukti chahte the. parantu iske badale neelgah bagan malik ke dwara ise jabardasti vasooli kar rahe the.


isi samy 1916 me ambikacharan majoomdar ki adhchyata me kangres ka ayojan lucknow me kiya gaya .is sabha me gandhi ji  bhi maujood the gandhi ji ki mulakat ek neelahe kisan RAJKUMAR SHUKL  se hui aur unhone apni pareshani batai jisase gandhi ji ne is teenkathiya padhati se mukti pradan ki .

   yah satyagrah bharat me kiya jaane wala pahala satyagrah tha.aur gandhi ji ka pahala satyagrah tha gandhi ji ke is saflata ke baad RAVINDRA NATH TAIGOR ne mahatma ki upadhi di thi.


satyagrah me shamil vyakti ..

Brijkishor ,
J.V.kriplani ,
Narhari parikh
Mahadev desai  ,
Dr. rajendra prashad
Majharool hak ,
Anugrah narayan sinha

रालेट अधिनियम एवं जालियावाला बाग काण्ड 1919

December 13, 2018

            रालेट अधिनियम

 

दोस्तो आप सब जानते ही होंगे की हमारा भारत देश पहले सोने की चिड़िया कहलाती थी ।जिसे बाद मे अंग्रेज़ो ने इसका दमन कर दिया और अपना देश  गुलामी की जंजीरों मे जकड़ता चला ही  गया ।और अंग्रेज़ो ने  भारतीयो पर यातना और पीड़ा देने के सिवा कुछ नहीं किया ।तो दोस्तो मे इतिहास के उसी पन्नो से एक एतिहासिक घटना को मै आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हु ।

रोलेट अधिनियम(एक्ट ) क्या है ।

रोलेट एक्ट मार्च 1919 मे ब्रिटिश सरकार द्वारा लाया गया एक अधिनियम था । जिसके द्वारा  उभरते हुये भारत को कुचलने का प्रयत्न  किया गया। यह कानून  सर सिडनी रालेट के अध्छ्यता मे एक''सिंडसन कमेटी' के आधार पर की गई थी । इस अधिनियम के अनुसार ब्रिटिश सरकार किसी भी भारतीय को राजद्रोहतमक कार्यो मे लिप्त पाये जाने पर संदेह मात्र से ही गिरफ्तार किया जा सकता है और बिना मुकदमा चलाये उसे जेल मे बंद कर दिया जाएगा और गुप्त कार्यवाही कर उसे 2 वर्ष की सजा सुनाई जा सकती  है और अभियुक्त को वकील से संपर्क करने की कोई इजाजत नहीं थी।   

 गांधी जी ने इसे ''बिना अपील'' "बिना वकील" "बिना दलील "का कानून कहा ।
इस कानून का भारत मे विरोध हुआ  देशव्यापी हड़ताले ,जूलुस ,और प्रदर्शन होने लगे और गांधी जी ने देशव्यापी सत्याग्रह "रोलेट सत्याग्रह 1919" मे प्रारम्भ किया । गांधी जी ने इसके लिए तीन मंच का प्रयोग किया ।
 1 होमरूल लीग  
 2 खिलाफत आंदोलन 
 3 सत्याग्रह सभा 

सिंडसन कमेटी के सदस्य ...

1 बेसिल स्कॉट                 cheaf justic of bombey 

2 कुमार स्वामी शास्त्री       judge of madrash highcourt 

3 प्रभात चन्द्र मित्र           member of board  revenyu of   UP


जालियावाला  बाग काण्ड 1919


रोलेट अधिनियम के विरुद्ध गांधी जी के नेतृत्व मे आरंभ रोलेट सत्याग्रह आंदोलन की ही एक चरम परिणति  जालियावाला बाग हत्याकांड के रूप मे हुई ।गांधी जी ने रोलट  सत्याग्रह  के लिए लोगो का आवाहन किया था जिसमे कांग्रेस के तीन सदस्य" मजहरूल हक" मदन मोहन मालवीय " मो . आली जिन्ना  ने केंद्रीय विधान सभा से त्यागपत्र दे दिया । 

पंजाब मे भी  इस आंदोलन का प्रभाव पड़ा था वहा के 2 अत्यंत लोकप्रिय नेता डॉ . सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू  भी इस आंदोलन से जुड़ गए थे । 



रोलेट अधिनियम के अंतर्गत 10 अप्रैल 1919 को पंजाब के 2 लोकप्रिय नेता डॉ . सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया था इसी विरोध मे पंजाब के अमृतसर जिले मे स्तिथ जालियावाला बाग मे स्थानीय लोगो द्वारा एक विरोध सभा का आयोजन 13 अप्रैल   को किया गया था जिसे हंसराज नामक एक व्यक्ति संबोधित कर रहा था। और उसी दिन बैसाखी का पर्व (1699 मे गुरु गोविंद सिंह ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी )  था अमृतसर मे यह पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है । जनरल डायर ने इस भीड़ पर बिना किसी चेतावनी के गोलिया चलवा दिया था ,जिसमे हजारो लोगो की मृत्यु और 12oo लोग घायल हो गए थे ।ब्रिटिश राज के अभिलेख के अनुसार 200 लोगो के घायल होने और 379 लोगो की मृत्यु हुई थी ।  जिनमे से 337  पुरुष 41 नाबालिग  और एक 6 सप्ताह का बच्चा भी था 

इस घटना की  भारत मे जबर्दस्त निंदा की गई .और भारतीय  स्वतन्त्रता पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा था ।


घटना से संभन्धित महान व्यक्तियों के सूक्त ...


सर वेलेटाइन शिराल ⇨13 अप्रैल के इस दिन को ब्रिटिश भारत के इतिहाश को काला दिन कहा जाएगा । 


लाला लाजपत राय ⇨1919 का वर्ष जालियावाला बाग  काण्ड के लिए याद किया जाएगा ना की सुधार अधिनियम के लिए 

दीनबंधु सी एफ  अन्द्रुस ⇨जानबूझ कर कई गई क्रूर हत्या । 



Categories

Theme images by konradlew. Powered by Blogger.